एक दिया दिखा के लूटेगा.....कैलाश झा 'किंकर'
चंद सिक्के थमा के लूटेगा
बात मीठी सुना के लूटेगा
संत-सा लग रहा है ऊपर से
अपने पास बिठा के लूटेगा
कोई पत्थर नहीं पिघलता
उसको ईश्वर बता के लूटेगा
तीरगी को मिटा नहीं सकता
एक दिया दिखा के लूटेगा
है भरोसा मुझे नहीं उसपर
मुझको अपना बना के लूटेगा
-कैलाश झा 'किंकर'
वाह्ह्ह....बहुत खूब।
ReplyDeleteहै भरोसा मुझे नही उस पर
ReplyDeleteमुझको अपना बना के लूटेगा।
बहुत शानदार। वाह।।