ख़फ़ा.................अमित जैन ‘मौलिक’
सारा चमन जला बैठे
वे क्यों ख़फ़ा ख़फा बैठे
देर लगी क्यों आने में
कब से हम तन्हा बैठे
प्यार से पूछा उसने जो
सारा हाल सुना बैठे
गज़ब हुआ उस रात को हम
चाँद को चाँद दिखा बैठे
हंगामा क्यों बरपा है
जो उसको ख़ुदा बना बैठे
-अमित जैन ‘मौलिक’
आपका विनम्र आभार दिव्या जी। अतुल्य धन्यवाद आपका पटल पर रचना को स्थान देने के लिये
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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ReplyDeleteप्यार से पूछा उसने जो
सारा हाल सुना बैठे
गज़ब हुआ उस रात को हम
चाँद को चाँद दिखा बैठे-----------
कता बात है !!!!! लाजवाब !!! आदरणीय अमित जी - बहुत मोहक पंक्तियाँ हैं |
सुंदर !
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