Sunday 10 September 2017

कुछ क्षणिकाएँ...प्रकाश लुनावत




तेरा प्यार
एक दर्द
एक वेदना
एक कसक
एक तड़प
और
बेशुमार आँसू.

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तेरी याद
वो लम्हें
वो गुजरे पल
वो अधूरा स्पर्श
और
एक अंतहीन इंतजार.

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तेरी वफ़ा
वो झूठे वादे
वो टूटती क़स्में
वो बेवजह इल्जाम
और
मेरा अन्धा विश्वास

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तेरा वजूद
मेरी बोझिल आहें
मेरी तड़पती बाँहें
मेरी बिलखती आँखें
और मेरी डूबती साँसें.

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तेरा साथ
ये धुंधला साया
ये काली परछाँई
लम्बी तनहाई
और
एक अधूरी आस

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तेरा ना होना
तेरा ना होना
सर्पदंश सा विषैला
साँसें भरता
जीवित
एक अभिशाप

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तेरे जाने के बाद
आँखों में जलजले
मरूस्थल दिल की जमीन
भावनाओं की साजिश
संभावनाओं का जलना
धधकते अंगारों से पल
दर्द का विकराल रूप
मृत्यु से द्वंद्व
पथराए जिस्म का गलना
तेरे जाने के बाद...।

संकलितः प्रकाश....व्हाट्स एप्प से

4 comments:

  1. तेरा प्यार
    तेरी याद
    तेरी वफ़ा
    तेरा वजूद
    तेरा साथ
    तेरा ना होना
    पथराए जिस्म का गलना
    तेरे जाने के बाद
    सादर

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  2. वाह्ह्ह....👌👌

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  3. गहरी क्षणिकाएं ... सभी लाजवाब ... अचूक ...

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