Friday 26 January 2018

चंद हाईकू.....

यौवन आया
बूढ़े बरगद में
विहंसे पात
ले अंगड़ाई
कलियाँ शरमाई
आया बसंत

स्वर्ण चुनर
ओढ़ वसुधा झूमी
महकी हवा
पीने पराग
तितलियाँ मचली
लगी बौराने

अमराई में
कूक हूक सी लगी
पिक की तान
बासंती पाती
बिखरी बगिया में
मौसम संग
इन्द्रधनुष
उतरा धरा पर
करने सैर

मलज गंध
छेड़े मन के तार
बसंत आया

12 comments:

  1. बसंत की तरुणाहट लिए बेहतरीन रचना। आदरणीय दिव्या जी, तरुणाई यह बसंत की आपको भी लग जाए। बधाई।

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  2. बहुत सुंदर
    मन को भा गई

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  3. बहुत लाजवाब !!

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  4. बसंत की आहट लिए सुंदर हाइकू हैं सभी ... लाजवाब कमाल के हैं ...

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  5. बहुत सुन्दर हायकू....
    वाह!!!

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  6. लाजवाब पंक्तियाँ !!!!!!! हर हाइकू शानदार है |

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  7. बसंत की आहट लिए सुंदर हायकु।

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  8. बहुत सुंदर हाइकु।

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