उभरे तुम
आकाश पे
मेरी
ज़िन्दगी के
इन्द्रधनुष से......
तुम्हारा विस्तृत प्रेम
हरा भरा कर देता
तन मन को
पुलकित.....
तुम्हारा प्रेम
खरे सोने सा
सच्चा.....जीवन
रंग देता
स्नेह की
तुम्हारे
पीली, सुनहरी
धूप में
संग तुम्हारे पाया
जीवन में
ताना बाना बुनते
नारंगी सपनों
का....प्रेम की
लालिमा...सा विस्तार
इंद्रधनुषी...सपनो से
सजा-सँवरा
अपना संसार
तुम्हारे बाद
इन्द्रधनुष के
और...रंग खो गए
बस, दूनी है...
बैंजनी विषाद की
छाया....
मेरी ज़िन्दगी
सूनी है...
बिन तेरे.
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना दिबू...वाह्ह👌
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक ५ फरवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर.....
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteSands Casino: The Complete Collection of Slot Machines in
ReplyDeleteDiscover the Sands Casino slot machine, complete with thousands of slots, at 인카지노 Sands Casino. Explore our online septcasino store to get more.Sands Casino 1xbet · Casino Features · Shows · Slot Machines
Nice Writings.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमन को छूती सुंदर रचना ।
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
प्रेम का विस्तार ..... सुंदर भाव
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteवाह!बहुत खूब 👌
ReplyDeleteसादर
तुम्हारे बाद
ReplyDeleteइन्द्रधनुष के
और...रंग खो गए
बस, दूनी है...
बैंजनी विषाद की
छाया....
मेरी ज़िन्दगी
सूनी है...
बिन तेरे.
अत्यंत भावपूर्ण...
बहुत सुन्दर स।जन।