जाने किस किस का ख़याल आया है
इस समुंदर में उबाल आया है
एक बच्चा था हवा का झोंका
साफ़ पानी को खंगाल आया है
एक ढेला तो वहीं अटका था
एक तू और उछाल आया है
कल तो निकला था बहुत सज-धज के
आज लौटा तो निढाल आया है
ये नज़र है कि कोई मौसम है
ये सबा है कि वबाल आया है
हम ने सोचा था जवाब आएगा
एक बेहूदा सवाल आया है
- दुष्यन्त कुमार
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 14 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह !लाजवाब .
ReplyDeleteकल तो निकला था बहुत सज-धज के
ReplyDeleteआज लौटा तो निढाल आया है
दुष्यंत कुमार को नमन 🙏🙏🙏🙏🙏
क्या बात है ...
ReplyDeleteशानदार ग़ज़ल..👌👌👌
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 08 मार्च 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" सोमवार 08 मार्च 2021 को साझा की गयी है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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