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कविता, कहानी जो मैं पढ़ी
Sunday 7 March 2021
कुछ क्षणिकाएँ....दीदी की डायरी से
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कुछ क्षणिकाएँ ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है…! फिर भी तू, उसके बिना बिलकुल भी अच्छी नहीँ लगती…!! ...... क्या हुआ अगर हम किसी के दि...
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Monday 13 July 2020
एक बेहूदा सवाल आया है - दुष्यंत कुमार
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जाने किस किस का ख़याल आया है इस समुंदर में उबाल आया है एक बच्चा था हवा का झोंका साफ़ पानी को खंगाल आया है एक ढेला तो वहीं ...
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Sunday 12 July 2020
साँप के आलिंगनों में मौन चन्दन तन पड़े हैं
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ये असंगति जिन्दगी के द्वार सौ-सौ बार रोई बांह में है और कोई चाह में है और कोई साँप के आलिंगनों में मौन चन्दन तन पड़े हैं सेज क...
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Monday 6 July 2020
ख़्वाब में आते हैं चले जाते हैं ....अब्बास ताबिश
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मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते हैं हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं इस लिए अब मैं किसी को नहीं जाने देता जो मुझे छोड़ के जा...
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Monday 22 June 2020
अपाहिज व्यथा ...दुष्यंत कुमार
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अपाहिज व्यथा को सहन कर रहा हूँ, तुम्हारी कहन थी, कहन कर रहा हूँ । ये दरवाज़ा खोलो तो खुलता नहीं है, इसे तोड़ने का जतन कर रहा हूँ । अँ...
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Sunday 21 June 2020
बारिश आने से पहले...गुलज़ार
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बारिश आने से पहले बारिश से बचने की तैयारी जारी है सारी दरारें बन्द कर ली हैं और लीप के छत, अब छतरी भी मढ़वा ली है खिड़की...
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Friday 19 June 2020
जायका बदलिए...दिव्या
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हाइकु सत्रह (17) वर्णों में लिखी जाने वाली सबसे छोटी कविता है। इसमें तीन पंक्तियाँ रहती हैं। प्रथम पंक्ति में 5 वर्ण दूसरी में 7 और तीसर...
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