Sunday 21 June 2020

बारिश आने से पहले...गुलज़ार

बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है

सारी दरारें बन्द कर ली हैं
और लीप के छत, अब छतरी भी मढ़वा ली है

खिड़की जो खुलती है बाहर
उसके ऊपर भी एक छज्जा खींच दिया है

मेन सड़क से गली में होकर, दरवाज़े तक आता रास्ता
बजरी-मिट्टी डाल के उसको कूट रहे हैं!

यहीं कहीं कुछ गड़हों में
बारिश आती है तो पानी भर जाता है
जूते पांव, पांएचे सब सन जाते हैं

गले न पड़ जाए सतरंगी
भीग न जाएं बादल से

सावन से बच कर जीते हैं
बारिश आने से पहले
बारिश से बचने की तैयारी जारी है!!
-गुलज़ार

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 22 जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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