Sunday, 7 March 2021

कुछ क्षणिकाएँ....दीदी की डायरी से

कुछ क्षणिकाएँ



ऐ जिंदगी 
तू सच में 
बहुत ख़ूबसूरत है…!
फिर भी तू, 
उसके बिना
बिलकुल भी 
अच्छी नहीँ लगती…!!
......
क्या हुआ अगर 
हम किसी के 
दिल में नहीं 
धड़कते, 
मगर हम
आँखों में तो 
बहुतों के खटकते हैं…
.....
‘सब्र’ 
एक ऐसी ‘सवारी’ है 
जो अपने ‘सवार’ को 
कभी गिरने नहीं देती;
ना किसी के 
‘क़दमों’ में 
और ना ही 
किसी के नज़रों ‘में’।
......
ये मोहब्बत भी 
आग जैसी है ..
लग जाये
तो बुझती नही..
और यदि…
बुझ जाये तो..
जलन होती है…!

-दीदी की डायरी से